Holi festival 25th March 2024

  Holi is a sacred ancient tradition of Hindus, a holiday in many states of India and Nepal with regional holidays in other countries. It is a cultural celebration that gives Hindus and non-Hindus alike an opportunity to have fun banter with other people by throwing coloured water and powder at each other. It is also observed broadly on the   Indian subcontinent . Holi is celebrated at the end of winter, on the last   full moon   day of the Hindu luni-solar calendar month, marking the spring, making the date vary with the lunar cycle. [note 1]   The date falls typically in March, but sometimes late February of the Gregorian calendar. The festival has many purposes; most prominently, it celebrates the beginning of Spring. In 17th century literature, it was identified as a festival that celebrated agriculture, commemorated good spring harvests, and the fertile land. [18]  Hindus believe it is a time to enjoying spring's abundant colours and saying farewell t...

Hindi moral story

 

मछली और मेंढक की कहानी - Hindi moral Story 1

एक तालाब  था।  उस तालाब में दो बड़ी मछलियां –सहस्त्रबुद्धी और सतबुद्धी रहती थीं। 

उनका एक दोस्त “मेंढक” था जिसका – नाम एक बुद्धि था। वो अक्सर उस तालाब के किनारे बहुत समय बिताया करते थे।

एक बार एक शामतालाब के किनारे जब वे मज़े कर  रहे थे, तभी उन्होंने मछुआरों को अपनी ओर आते देखा। मछुआरों के पास उनका जाल और टोकरी थीजिनमें मछलियां भरी हुयी थी।

उस तालाब से गुजरते समय, मछुआरों ने देखा कि तालाब में बहुत सी मछलिया हैं । वे एक दुसरे  से बोले –“ क्यों न हम हम कल सुबह यहाँ आकर मछलियां पकड़े ? यह तालाब बहुत गहरा नहीं है और बड़ी बड़ी  मछलियों से भरा हुआ है “

मेंढक यह सब सुनकर उदास हो गया था और बोलै – प्यारी मछलियों अब  हमें कुछ योजना बनानी पड़ेगी, –कहाँ जाना है या छिपना है। वर्ना ये हमें कल पकड़ लेंगे !”

मछलियों ने ज्यादा परवाह न करते हुए कहा, “हे मित्रमछुआरों की इस वार्ता से चिंतित न हो। वे नहीं आएंगे। फिर भी अगर वो आये, तो मुझे इस तालाब में बहुत ही गहरे पानी में स्थित एक सुरक्षित जगह पता है। हम वह छुप सकते हैं। 

इस पर दूसरी मछली भी बोली – मैं कुछ मछुआरों की वजह से अपने  पूर्वजों के घर को नहीं छोडूंगी। मै भी गहरे पानी में सुरक्षित स्थान पर अपने आप को और अपने परिवार को भी बचा लूंगी ।”

लेकिन मेंढक को ये बात समझ नहीं आ रही थी। उसने कहा, “ठीक है आप यही रुकिए, लेकिन मैं अपने परिवार को लेकर तुरंत ही किसी दूसरे तलाब को चला जाता हूँ 

योजना अनुसार अगली सुबहमछुआरे तालाब में आये और जाल डाल कई मछलियोंमेढ़क और केकड़ों को पकड़ लिया। अपने को चालक समझ रही सहस्त्रबुद्धि और सतबुद्दी ने बचने के लिए कड़ी कोशिश कीलेकिन उनकी कोई तरकीब काम नहीं आई। जब मछुआरों ने अपने जाल को तालाब के किनारे पर लिया तो वे पहले ही मर चुकी थीे।

होशियार  मेंढक – एकबुद्धी ने , पहले से ही छुप ने के लिए एक अन्य तालाब ढूंढ लिया। अपने दोस्तों के लिए चिंतित होने के कारण , वह सतह पर आया और मछुआरों को अपने दोस्तों को साथ जाते देख वह काफी उदास हो गया।

उसने अपनी पत्नी से कहा, “वे बहुत प्रतिभाशाली थेलेकिन खतरे को भांप नहीं सके” मछली और मेंढक की कहानी - Hindi moral Story 1

एक तालाब था। उस तालाब में दो बड़ी मछलियां –सहस्त्रबुद्धी और सतबुद्धी रहती थीं। 


उनका एक दोस्त “मेंढक” था जिसका – नाम एक बुद्धि था। वो अक्सर उस तालाब के किनारे बहुत समय बिताया करते थे।


एक बार एक शाम, तालाब के किनारे जब वे मज़े कर रहे थे, तभी उन्होंने मछुआरों को अपनी ओर आते देखा। मछुआरों के पास उनका जाल और टोकरी थी, जिनमें मछलियां भरी हुयी थी।


उस तालाब से गुजरते समय, मछुआरों ने देखा कि तालाब में बहुत सी मछलिया हैं । वे एक दुसरे से बोले –“ क्यों न हम हम कल सुबह यहाँ आकर मछलियां पकड़े ? यह तालाब बहुत गहरा नहीं है और बड़ी बड़ी मछलियों से भरा हुआ है “


मेंढक यह सब सुनकर उदास हो गया था और बोलै –“ प्यारी मछलियों अब हमें कुछ योजना बनानी पड़ेगी, –कहाँ जाना है या छिपना है। वर्ना ये हमें कल पकड़ लेंगे !”


मछलियों ने ज्यादा परवाह न करते हुए कहा, “हे मित्र, मछुआरों की इस वार्ता से चिंतित न हो। वे नहीं आएंगे। फिर भी अगर वो आये, तो मुझे इस तालाब में बहुत ही गहरे पानी में स्थित एक सुरक्षित जगह पता है। हम वह छुप सकते हैं। 


इस पर दूसरी मछली भी बोली – “मैं कुछ मछुआरों की वजह से अपने पूर्वजों के घर को नहीं छोडूंगी। मै भी गहरे पानी में सुरक्षित स्थान पर अपने आप को और अपने परिवार को भी बचा लूंगी ।”


लेकिन मेंढक को ये बात समझ नहीं आ रही थी। उसने कहा, “ठीक है आप यही रुकिए, लेकिन मैं अपने परिवार को लेकर तुरंत ही किसी दूसरे तलाब को चला जाता हूँ ।


योजना अनुसार अगली सुबह, मछुआरे तालाब में आये और जाल डाल कई मछलियों, मेढ़क और केकड़ों को पकड़ लिया। अपने को चालक समझ रही सहस्त्रबुद्धि और सतबुद्दी ने बचने के लिए कड़ी कोशिश की, लेकिन उनकी कोई तरकीब काम नहीं आई। जब मछुआरों ने अपने जाल को तालाब के किनारे पर लिया तो वे पहले ही मर चुकी थीे।


होशियार मेंढक – एकबुद्धी ने , पहले से ही छुप ने के लिए एक अन्य तालाब ढूंढ लिया। अपने दोस्तों के लिए चिंतित होने के कारण , वह सतह पर आया और मछुआरों को अपने दोस्तों को साथ जाते देख , वह काफी उदास हो गया।


उसने अपनी पत्नी से कहा, “वे बहुत प्रतिभाशाली थे, लेकिन खतरे को भांप नहीं सके” 


अकबर बीरबल" - Moral Stories in Hindi 2

हिंदी स्टोरी बच्चो की कहानी , akbar birbal hindi story baccho ki kahani

अकबर बीरबल की कहानिया सिर्फ मज़ेदार ही नहीं बल्कि प्रेरणादायक भी हैं। बीरबल कितने हाज़िर जवाब थे ये तो आप जानते ही हैं। इसी से जुड़ा एक प्रसंग है। एक बार बीरबल को तम्बाकू खाने का शौक लगा। अकबर को बीरबल की यह आदत बिलकुल पसंद नहीं थी। अकबर खुद भी तम्बाकू नहीं खाया करते थे। 


अकबर और बीरबल एक दिन अपने राज्य का भ्रमण करते हुए एक तम्बाकू के खेत में पहुंचे। 


बादशाह अकबर ने वह एक गधे को घांस कहते देखा। अकबर को मजाक सूझा।


उन्होंने बीरबल से कहा – ”बीरबल ! देखो गधे तम्बाकू नहीं खाते?” 


बीरबल तपाक से बोले -“हाँ महाराज! आप एकदम सही कह रहे हैं। जो गधे होते वे तम्बाकू नहीं खाते, इंसान की बात अलग हैं।” (Moral Stories in Hindi)


हाज़िरजवाब बीरबल का ये करारा जवाब सुनकर अकबर बुरी तरह झेंप गए। 🙂


ज़रूर पढ़े – Vikram Betal , रपुन्ज़ेल की कहानी , Tenali Raman Story , PanchaTantra Stories , (Short Moral Stories for Kids) Cindrella Ki Kahani


कहानी से शिक्षा (Moral of the story) – हमेशा सोच समझ कर मज़ाक करें। कभी मज़ाक में भी किसी का दिल न दुखाएं।


मोरल स्टोरीज हिंदी ,hindi moral stories of animals

मोरल स्टोरीज हिंदी ,hindi moral stories of animals

कहानी "प्यासा कौवा" की - Moral Stories in Hindi 3

the thirsty crow story for kids

Moral Story of Thirsty crow in Hindi.


प्यासे कौए की बहुत ही प्रेरणा दायक कहानी का वर्णन करने जा रहे हैं। कोमलवन नमक जंगल में भीषण गर्मी पड़ी। जिस वजह से पूरा जंगल सूख चूका था और पानी का एक कतरा भी नहीं बचा था ।  


सभी जानवर, पक्षी प्यासे थे और पानी पीने के लिए तड़प रहे थे। 


उसी जंगल के एक कौआ भी रहता था जो आज बहुत ही प्यासा था। सुबह से पानी ढून्ढ रहा था पर भी उसको एक बूँद पानी भी नहीं मिल पा रहा था। 


कड़ी मेहनत से दिनभर इधर उधर घूमा तो कही जाके उसे एक घड़ा दिखाई दिया। 


वह घड़ा बहुत ही गहरा था और बहुत थोड़ा सा पानी था। साथ ही घड़े का मुँह भी छोटा था। कौआ काफी प्रयास कर रहा था फिर भी चोंच पानी तक नहीं पहुँच पा रही थी। 


लेकिन पानी तो पीना था। पानी काम था, चोंच पहुंच नहीं रही थी। अब क्या करें ? उसने हिम्मत नहीं हारी और प्रयास करता रहा, सोच ता रहा, अचानक उसे उसे एक उपाय सूझा। 


कौए ने पास ही पत्थर के कुछ टुकड़े देखे । मेहनत तो करनी पड़ती लेकिन पानी तो पीना ही था। कौआ एक एक पत्थर उठाने लगा और घड़े में डालता गया। 


और देखिये – सफलता 🙂 पानी अब धीरे धीरे ऊपर आने लगा। 


सफलता देख कौए के प्रयासों में तेरी आयी और वे लगातार पत्थर डालता गया। 


पानी अब काफी ऊपर आ चूका था, कौए की चोंच वहाँ तक पहुँच गई। (Moral Stories in Hindi)


कौए ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई, खुद के प्रयास को सराहा और वहां से उड़ गया ।


ज़रूर पढ़े – Vikram Betal , रपुन्ज़ेल की कहानी , Tenali Raman Story , PanchaTantra Stories , (Short Moral Stories for Kids) Cindrella Ki Kahani, Hindi Story (Baccho ki Kahani)


 


शिक्षा – सयम का साथ थोड़ा दिमाग लगाएंगे , मेहनत करें , तो हर परेशानी का हल संभव है। (Moral story in Hindi)


मोरल स्टोरीज हिंदी ,hindi moral stories of crow

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